Saturday 10 November 2012

किसान और गरीबो के हितेषी चौधरी चरण सिंह जी :-

किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जी एक साधारण किसान परिवार में पैदा हुए थे और लोकहितेसी अपने कामो एवं उत्कट देशभक्ति के बल पर भारत के प्रधानमंत्री के आसन तक पहुँच गए थे ! यहाँ तक पहुँचने का उनका उद्देश्य देश के संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करना, आतंकवाद के दानव को निष्प्राण बनाना, प्रशासन-तंत्र में गहरी जड़े जमाये बैठे भ्रस्ताचार को मिटाना, गाँव और शहर की आर्थिक, शेक्षिक और संस्कृतिक प्रगति का समान स्तर पर विकास करना, वर्ग तथा जाति-आधारित समाज को वर्गीय तथा जातीय संकीर्णता से मुक्त बनाना, देश की आर्थिक पर-निर्भरता को दूर करना, भारतीयों में राष्ट्रीयता के भाव भरना और उनमे प्राचीन संस्कृतिक विरासत के प्रति लगाव पैदा करना था ! इस द्रष्टि से उनकी गणना संसार के उन चंद विचारको में की जा सकती है, जिन्होंने इस प्रथ्वी पर रहने वाले समस्त प्राणियों को सम्रद्ध, सु
खी और सबल बनाने के स्वप्न देखे हैं !

हमारे सामाजिक तथा राजनितिक जीवन में इस प्रकार के स्वप्न देखने वाले अनेक लोग पैदा हुए, लेकिन उनमे से अधिकांश केवल स्वप्न देखने वाले ही थे ! अपने स्वप्नों को मूर्त रूप देने वाले नहीं थे ! चौधरी साहब ऐसे लोगो से इस अर्थ में अलग थे क्यूंकि उनमे अपने विचार था भावो को साकार रूप प्रदान करने की जबरदस्त इच्छाशक्ति तथा ताकत थी ! वह उच्च-कोटि के उदात्त विचारक होते हुए भी कर्मठ इंसान थे और भावुक तथा अति सवेदनशील होते हुए भी भ्रष्टअचरियो को दण्डित करने में नितांत कठोर थे ! उनका विशेष गुण था कथन और कर्म की एकता, विचार एवं कार्य का सामंजस्य और मानवीय संवेदना एवं प्रशासकीय दायित्व के प्रति निष्ठा ! ६६ वर्षो के इस लोकतंत्र के इतिहास में बहुत कम लोग इन गुणों से संपन्न देखने को मिलते हैं !

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